आपको सभी को हम बता दें कि पिछले कुछ साल पूरी दुनिया में करीब 98 लाख और भारत में लगभग 8 से 9 लाख लोगों की कैंसर के कारण मौत हो चुकी है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार पुरी दुनिया में होने वाली मृत्यु के कारणों में से दूसरे नंबर पर कैंसर आता है।
कैसर कैसे ओर क्यू होता है?
हमारा पूरा शरीर अलग-अलग ऑर्गन से मिल कर बना होता है
जैसे दिल, लिवर, किडनी इत्यादि ऑर्गन के छोटे-छोटे सेल्स से मिलकर बना हैं। तो हमारे पूरी बॉडी में यह सेल्स लगातार बढ़ते रहते हैं
और यह हमारे पुराने मरी हुई सेल्स की कमी को लागतार पूरा करते रहते हैं।
सेल्स के अंदर मौजूद DNA से हमारे शरीर में मजूद सेल्स को गाइड करता है कि उन्हें शरीर मे क्या करना है और कैसे करना होता है है।
DNA हमारे सेल्स का एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जिसके अंदर हमारे शरीर मे मजुद सारी इनफार्मेशन मौजूद होती है।
और हमारे सेल्स का डिवाइड होना या ना होना या कब होना है यह सभी के बारे मे DNA ही तय करता है।
लेकिन कभी कबार DNA में कोई बदलाव होने से खराब सेल बन जाते है। जिसे कैंसर सेल भी कहते हैं।
जो कैंसर सेल्स अपना काम सही से नहीं करते है या बिना किसी जरूरत के बढ़ते रहते हैं। हमारे शरीर में ऐसी कई गलतियां होती रहती है और यह खराब सेल्स बन जाते हैं।
इसीलिए कहते हैं कि, हम सब के शरीर के अंदर यह कैंसर सेल्स मौजूद होते हैं। लेकिन यह खराब सेल कैंसर में नही बदलते है क्योंकि इन सभी गलतियों को हमारा शरीर पकड़ लेता है
और इन्हे को वहीं ठीक कर देते है। जहा पर हमारा शरीर इन खराब सेल्स की वर्दी को नहीं रोक पाता तो यह खराब सेल्स मिलकर कैंसर का रूप ले लेते हैं।
क्योंकि यह कैंसर सेल्स काम सही से नहीं कर पाते हैं और बिना काम से बढ़ते रहते हैं। जिस भी ऑर्गन में यह बनने की शुरुआत करता हैं ऑर्गन में होने वाले काम रुक से जाते हैं। और हमारे शरीर के एक भी ऑर्गन के काम के रुकने की वजह से हमारा पूरा शरीर परेशानी उत्पन्न है।
शुरू में यह सभी कैंसर सेल्स एक जगह में मिलकर गुच्छा बना लेते हैं।
जिसे टयूमर भी कहा जाता हैं। और इस बीच के कैंसर को प्राइमरी कैंसर कहा जाता है लेकिन जब यह कैंसर सेल्स खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैल जाते हैं तो इस स्टेज को सेकेंडरी कैंसर कहा जाता है। और बढ़ते स्टेज के रोगी को ठीक करना और भी मुश्किल होता जाता है।
यह कैंसर हमारे शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। और दुनिया में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले लंग और ब्रेस्ट में देखने को मिलते हैं। यह बात सच है कि DNA में प्रॉबलम कभी भी आ सकती है।
लेकिन अगर हम अपने शरीर को स्वस्थ नहीं रख पाते या रखते नही हैं। तो यह प्रॉबलम और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं।
जैसे उदाहरण लेते हैं टाइपिंगके लिए हम जब भी कीबोर्ड से टाइप करते हैं तो गलती होने का चांसेस तो हमेशा बना ही रहता हैं यदि अगर हम बीमार हैं, या हम थके हुए होते हैं, या नींद में होते है, तो यह गलतियां या प्रोब्लम और भी बढ़ जाती हैं।
तो उसी तरह ऐसे बहुत सारे फैक्टर्स हैं जिसकी वजह से हमारे DNA में परिवर्तन आ सकता हैं और हमको कैंसर हो सकता है।
इनमें सबसे ऊपर तंबाकू का इस्तेमाल और WHO की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर से मरने वाले 25% लोग तंबाकू के सेवन के वजह से ही मरते हैं।
वैसे अगर आप यह जानकारी जानना चाहते हैं कि एक सिगरेट मैं ऐसा क्या होता है जिसकी वजह से हमारे शरीर में कैंसर हो सकता है
तो तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन और खराब खानपान, जिसमें फल और सब्जियों की मात्रा कम हो फिजिकल एक्टिविटी कम होना कैंसर की प्रोब्लम चार बड़े कारणों में आता है।
साथ ही साथ कुछ वायरस या बैक्टीरिया से होने वाले इन्फेक्शन की वजह से की कैंसर प्रोब्लम देखने को मिलती हैं
जैसे कि HPV या Hepatitis B Virus कुछ रेडिएशंस भी इतनी स्ट्रांग होती है जो हमारे सेल्स के DNA में चेंज कर सकती हैं कोचिंग की वजह से हमें कैंसर हो सकता है इसकी सबसे बड़ी उदाहरण है UV रोशनी।
हमारी उम्र के बढ़ते बढ़ते भी हमारे शरीर में कैंसर के चांसेस बढ़ जाते हैं क्योंकि देखा गया है कि जैसे-जैसे हम बूढ़े जाते हैं
हमारे अंदर होने वाली प्रोब्लम को ठीक करने की क्षमता कम कम होती जाती है तो आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में करीब 35 से 50% कैंसर केस को आदतों को ठीक करके ही कम किया जा सकता हैं।
वैसे आधे से ज्यादा बीमारियां और प्रोब्लम तो हमारे खुद के रहने के तरीके से ही होते हैं हमें अपने अंदर केमिकल्स डालने हैं, खराब या फास्ट फूड के खाना है एक्सरसाइज नहीं करनी है, लेकिन हमें कोई भी बीमारी नहीं चाहिए और हमें कैंसर भी नहीं चाहिए। ऐसा तो संभव नहीं हो सकता है।
0 टिप्पणियाँ